कैलास मानसरोवर यात्रियों को परोसा जाएगा बुरांश का जूस और कुमाऊंनी व्यंजन, जानिए
शिव कण-कण में तो अतिथि देव भव की भावना देवभूमि के घर-घर में बसी है। इसलिए दिल्ली से काठगोदाम आने वाले कैलास मानसरोवर यात्रियों के स्वागत की तैयारियां आरंभ हो गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : शिव कण-कण में तो अतिथि देव भव: की भावना देवभूमि के घर-घर में बसी है। इसलिए दिल्ली से काठगोदाम आने वाले कैलास मानसरोवर यात्रियों के स्वागत की तैयारियां आरंभ हो गई है। ताकि अतिथियों की आवभगत में किसी तरह की कोई कमी न रह जाए। कुमाऊंनी परंपरा के अनुसार कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में यात्रियों का भव्य स्वागत होगा।
12 जून को कैलास मानसरोवर यात्रियों का प्रथम दल कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के काठगोदाम पर्यटक आवास गृह पहुंचेगा। यहां स्वागत के बाद सभी को बुरांश का जूस पिलाया जाएगा। दोपहर के भोजन में कुमाऊं के परंपरागत व्यंजन परोसे जाएंगे। जिसमें झंगोरे की खीर, भट दाल के डुबके सहित अन्य पकवान शामिल होंगे। भोजन के दौरान स्थानीय कलाकारों का दल शिव आराधना व भजन प्रस्तुत करेगा। कुछ देर विश्राम के बाद यात्री रात्रि प्रवास के लिए अल्मोड़ा रवाना होंगे।
दिल्ली से अल्मोड़ा 370 किमी
दिल्ली में चाइनीज वीजा, फॉरेन एक्सेंच, केएमवीएन शुल्क कलेक्शन कराने के बाद यात्रियों का प्रथम दल सुबह छह बजे दिल्ली से चलकर दोपहर एक बजे काठगोदाम केएमवीएन पर्यटक आवास गृह पहुंचेगा। दिल्ली से यात्री वाल्वो बस से आएंगे और काठगोदाम से यात्रियों को डीलक्स बसों से अल्मोड़ा भेजा जाएगा। जहां केएमवीएन गेस्ट हाउस में यात्री रात्रि विश्राम करेंगे। दिल्ली से यात्रा आरंभ होने के बाद यात्रियों को अल्मोड़ा तक की लगभग 370 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी।
यात्रियों के स्वागत की तैयारियां पूरी
दीपक पांडे, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, केएमवीएन ने बाताया कि यात्रियों के स्वागत की तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। यात्रा के साथ ही यात्रियों को कुमाऊंनी कला, संस्कृति व खान-पान से भी रूबरू करवाया जाएगा। यह राज्य की पर्यटन गतिविधि को बढ़ावा देने का भी अवसर होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।